विस्तार से समझें
1. पाम स्कैन रोलआउट (सकारात्मक प्रभाव)
सारांश:
Humanity Protocol की पहचान प्रणाली का फेज 2, जो पाम-स्कैन वेरीफिकेशन को सक्षम करेगा, 2025 के अंत में लॉन्च होगा। यह अपग्रेड Sybil हमलों को कम करने और DeFi, गवर्नेंस, और वास्तविक दुनिया की पहचान में उपयोग बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। टेस्टनेट में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने भाग लिया, जो शुरुआती रुचि को दर्शाता है।
इसका मतलब:
अगर इसे सफलतापूर्वक अपनाया गया, तो H एक प्राइवेसी-केंद्रित पहचान मानक के रूप में स्थापित हो सकता है, जिससे इसकी उपयोगिता बढ़ेगी। Worldcoin के आइरिस-स्कैन आधारित रैलियों से पता चलता है कि बायोमेट्रिक तकनीक निवेशकों और संस्थागत पूंजी को आकर्षित करती है।
2. टोकन अनलॉक जोखिम (नकारात्मक प्रभाव)
सारांश:
शुरुआती निवेशक और टीम के पास Humanity Protocol के कुल 10 अरब टोकन में से 29% सप्लाई है। 25 नवंबर 2025 को लगभग 91.67 मिलियन H टोकन अनलॉक हुए, जो परिसंचारी सप्लाई का लगभग 5% है। 2026-2027 में और अनलॉक होने से बिक्री दबाव बढ़ सकता है।
इसका मतलब:
सप्लाई का केंद्रीकरण कीमत में अस्थिरता ला सकता है। उदाहरण के लिए, Lookonchain ने जुलाई 2025 में एक व्हेल को $2.7 मिलियन के H टोकन बेचते हुए ट्रैक किया, जिससे कीमत में 40% गिरावट आई। वेस्टिंग शेड्यूल पर नजर रखना जरूरी है।
3. नियामक चुनौतियां (मिश्रित प्रभाव)
सारांश:
EU का AMLR (2027) क्रिप्टो सेवाओं के लिए कड़ी KYC नियम लागू करेगा। Humanity Protocol के जीरो-नॉलेज प्रूफ प्राइवेसी ट्रेंड के अनुरूप हैं, लेकिन बायोमेट्रिक डेटा से जुड़ी GDPR जैसी नीतियां महंगे अनुपालन बदलावों को मजबूर कर सकती हैं।
इसका मतलब:
नियामक स्पष्टता H के उपयोग को वैधता दे सकती है (सकारात्मक), लेकिन पाम डेटा स्टोरेज पर सख्त नियम उद्यमों के अपनाने को धीमा कर सकते हैं। Worldcoin को स्पेन और पुर्तगाल में प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जो एक चेतावनी है।
निष्कर्ष
H की कीमत तकनीकी सफलता (फेज 2 अपनाने) और व्यापक जोखिमों (अनलॉक, नियमन) के बीच संतुलन पर निर्भर करती है। RSI 23.21 पर है, जो ओवरसोल्ड स्थिति दर्शाता है, लेकिन स्थायी सुधार के लिए सप्लाई दबाव कम करना और वास्तविक उपयोगिता साबित करना जरूरी है। क्या पाम स्कैन Web3 की भरोसेमंद पहचान बन पाएगा, या सप्लाई डिल्यूशन और नियामक बाधाएं इसकी वृद्धि को रोकेंगी?